बाल दिवस और मै:-
आज 14 नवंबर बाल दिवस है। कभी हमारे लिए यह दिन बहुत खास हुआ करता था क्योंकि तब हम बच्चे हुआ करते थे।
बाल दिवस का इंतजार हम सभी दोस्तों को बेसब्री से होता था।
बाल दिवस के दिन हमारे स्कूल में मेला जो लगता था। हम पहले से ही प्लान बना के रखते थे कि मेले में कौनसा व्यापार करना है।
कोई गोलगप्पे बेचने की बात करता तो कोई मिठाई हर किसी का अलग अलग ही प्लान होता था। मैं भी एक दो बार उस मेले में जादू दिखाया हूं। दोस्तों की दुकानों से कभी कभी बिना पैसे दिए भी खाया हूं।लगता था ये तो अपनी ही दुकान है।
बाल दिवस का अपना अलग ही अंदाज़ होता था लगता था ये तो हम बच्चों का दिन है हम कुछ भी कर सकते है। सारा दिन मेले में घूमते फिरते खाते पीते,अपने ही दोस्तों को दुकानदार बना देख मुझे हंसी भी आती थी पर कब सोचा था कि यही जीवन की सच्चाई है एक दिन हमें ऐसे ही अपना कुछ न कुछ बेचना होगा जिंदा रहने के लिए ओ चाहे हमारा समय ही क्यों न हो।
परंतु वर्तमान समय में यह दिन कब बीत जाता है कुछ पता ही नहीं चलता।धीरे धीरे हम तो ये भी भूलते जा रहे हैं कि बाल दिवस आता कब है। किसी का वॉट्सएप स्टेटस देखते है तो याद आ जाता है कि आज तो बाल दिवस है और फिर अपना बचपन फिर से याद आने लगता है।
आधुनिक बच्चों के लिए बाल दिवस:-
अब जब मैं बच्चों को देखता हूं तो दुख होता है उनके अंदर अब ओ उत्साह नहीं रहा। भौतिक जीवन से ज्यादा उन्हें मोबाइल और कंप्यूटर में दिलचस्पी हो गई है।उनके लिए ये बाल दिवस बस एक दिवस के रूप में ही रह गया है।वे इस दिवस की कोई यादें नहीं बना रहे है। जैसे हम अब याद करते है उन दिनों को।
अभी भी समय खोया नहीं है भौतिक जीवन को पहचानो और मोबाइल से बाहर निकलकर इस जीवन को देखो बहुत आनंद आएगा और बहुत सी यादें बनाओ।
बाल दिवस की हार्दिक बधाई।
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