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गम की परिस्थिति में खुशियों की पहचान

 खुशी की तलाश में:- हर रोज की तरह आज भी घर में जोर शोर से हो रही लड़ाईयों की आवाज से मेरी नींद टूट गई यानी सुबह हो चुका था। यहां सुबह की पहचान सूरज की किरणों से नहीं तेज आवाजों से की जाती है। रोज की तरह दैनिक क्रिया का निपटान करके निकल पड़ा था जिंदगी की जद्दोजहद से जूझने। जहां भी जाओ हर तरफ गम के बादल ही दिखाई पड़ते हैं। हर इंसान खुद को गम के पिंजरे में कैद कर रखा है। अभी तो मेरी जिंदगी की शुरुआत हुई है और इन शुरुआती दौर में भी गम और तनाव मेरे पीछे पीछे परछाई की तरह चल रही है। यह एक ऐसी परछाई है जो प्रकाश के चले जाने के बाद भी मेरा साथ नहीं छोड़ती है। कभी-कभी सोचता हूं यदि यह खुशी की परछाई होती तो मैं कभी प्रकाश को बुझने ही ना देता। जिंदगी में जो उल्लास और कुछ कर गुजरने का जज्बा था वह भी अब धीरे-धीरे अपना दम तोड़ रहा था। इसे जिंदा रखने की हर कोशिश नाकाम लग रही थी। दूसरों से खुशी पाने की उम्मीद में मैं खुद की पहचान को भूलने लगा था। आंखें बंद हो या खुली चारों तरफ सिर्फ अंधेरा ही अंधेरा दिख रहा था। इस संसार में सुखों की प्राप्ति के लिए हर किसी को रिझाने की कोशिश में लगा था। परंतु दूसरों म

जिंदगी एक अजब दास्तां|jindagi ek Ajeeb Dastan

 संघर्ष की कहानी - अपनी जिंदगी में आए दिन विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इन चुनौतियों को स्वीकार करना ही मानव सफलता का मार्ग प्रशस्त करता है। मानव जीवन कठिनाइयों से भरा होता है इसी वजह से हम मानव कहलाते हैं। बचपन के एक पुस्तक में हमने पढ़ा था मानव जब जोर लगाता है पत्थर पानी बन जाता है, हमारे पास ऐसी असीम शक्तियां उपलब्ध हैं जिसका उपयोग करके हर कठिनाइयों से लड़ा जा सकता है। प्रतिदिन के तनाव तथा काम के अधिक दबाव के कारण मस्तिष्क में उलझन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिससे पार पाना बेहद कठिन जान पड़ता है। ऐसी अवस्था में धैर्य और साहस को बनाए रखना बहुत ही मुश्किल का काम महसूस होता है। परंतु यदि यह जिंदगी हमें प्राप्त हुई है तो इसको यूं ही बर्बाद नहीं किया जा सकता। समस्याओं से पार पाना- हर समस्या का एक निवारण होता है। ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका निवारण मानव ना खोज सकें। उलझन की स्थिति में यह जरूरी है कि मस्तिष्क में बहते हुए विभिन्न विचारों को विराम दे दिया जाए तथा कुछ समय तक मस्तिष्क में एक भी विचार को ना आने दे। योग तथा ध्यान करने से मस्तिष्क को काफी हद तक स्वस्थ बनाया जा सकता