संघर्ष की कहानी -
अपनी जिंदगी में आए दिन विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इन चुनौतियों को स्वीकार करना ही मानव सफलता का मार्ग प्रशस्त करता है। मानव जीवन कठिनाइयों से भरा होता है इसी वजह से हम मानव कहलाते हैं। बचपन के एक पुस्तक में हमने पढ़ा था
मानव जब जोर लगाता है पत्थर पानी बन जाता है, हमारे पास ऐसी असीम शक्तियां उपलब्ध हैं जिसका उपयोग करके हर कठिनाइयों से लड़ा जा सकता है।
प्रतिदिन के तनाव तथा काम के अधिक दबाव के कारण मस्तिष्क में उलझन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिससे पार पाना बेहद कठिन जान पड़ता है। ऐसी अवस्था में धैर्य और साहस को बनाए रखना बहुत ही मुश्किल का काम महसूस होता है। परंतु यदि यह जिंदगी हमें प्राप्त हुई है तो इसको यूं ही बर्बाद नहीं किया जा सकता।
समस्याओं से पार पाना-
हर समस्या का एक निवारण होता है। ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका निवारण मानव ना खोज सकें। उलझन की स्थिति में यह जरूरी है कि मस्तिष्क में बहते हुए विभिन्न विचारों को विराम दे दिया जाए तथा कुछ समय तक मस्तिष्क में एक भी विचार को ना आने दे।
योग तथा ध्यान करने से मस्तिष्क को काफी हद तक स्वस्थ बनाया जा सकता है। स्वस्थ मस्तिष्क में स्वच्छ विचार उत्पन्न होते हैं जिससे समाज तथा परिवार में सम्मान की स्थिति बनी रहती है।
मानव जीवन में तनाव तथा उलझन जैसी स्थिति उत्पन्न होना वर्तमान समय में एक सामान्य बात बन चुकी है। इसलिए खुद को ऐसे तैयार करो कि इन स्थितियों का हमारे ऊपर कुछ खास असर ना दिखा पाई पाए।
आगे की राह:-
जिंदगी में ज्यादा संघर्षों का सामना ना करना पड़े इसके लिए जरूरी है कि हमारे पास भविष्य के लिए एक बेहतर प्लान होना चाहिए।
यदि हमें लक्ष्य का ज्ञान नहीं होगा तो भटकाव की स्थिति उत्पन्न होना एक सामान्य बात बन जाएगी। इसके लिए यह जरूरी है कि सर्वप्रथम हमारे पास एक लक्ष्य होना चाहिए तथा उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक बेहतर प्लान होना चाहिए।
लक्ष्य के निर्धारण के बाद यह जरूरी नहीं कि निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति हो जाए। यदि ऐसा नहीं होता है तो आप तनाव तथा उलझन की गहराइयों में समाने लगेंगे। इससे बचने के लिए यह जरूरी है कि आपके पास विकल्प के रूप में एक और प्लान होना चाहिए परंतु उस प्लान को तब अमल में लाएं जब आपके प्राथमिक लक्ष्य की प्राप्ति के सारे दरवाजे बंद हो जाए।
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