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सितंबर, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

My father|मेरे पिता

 पिता का कर्तव्य:- अक्सर आपने सुना होगा लोग पिता को उसके कर्तव्य के बारे में बताते रहते हैं परंतु उसकी परिस्थिति को कोई नहीं समझता। पिता अपने अंदर हर गम को छुपा कर परिवार को खुश रखता है। यदि मां को कोई समस्या हो या किसी अवसाद से गुजर रही हूं तो वे अपना सारा दुख पति के आगे रख देती हैं और पति उसे स्वीकार कर लेता है। परंतु यदि पिता को कोई अवसाद या पीड़ा होती है तो वह अपनी बात को दिल में ही दबा कर रखता है और किसी से भी अपने दुखों को नहीं बांट पाता। 1).परिवार की जिम्मेदारी:- ऐसा नहीं है कि स्त्रियां घर के खर्चे में अपना योगदान नहीं देती परंतु अभी भी देश का एक बड़ा हिस्सा उस परिस्थिति से गुजर रहा है जहां पर परिवार की पूरी जिम्मेदारी एक पिता पर आ जाती है। उस घर में कमाने वाला सिर्फ एक और खर्च करने वाले अनेक होते हैं इससे परिस्थिति गंभीर बनी रहती है। घर में खानपान, पहनावा, इलाज, शिक्षा एवं अन्य चीजों की जिम्मेदारी पिता के माथे पर ही होती है। इन सभी जिम्मेदारियों से एक पिता मुंह नहीं मोड़ सकता। इन जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए पिता किन किन परिस्थितियों से गुजरता है यह समझना बहुत ही मुश्किल

Sad poem in Hindi|कोई तो इन्हें जगा दो

हे सुनो उठो देखो सब आए हैं, भीड़ लगी द्वारे पर अपने, सब तुम्हारी आस लगाए हैं। फूट-फूटकर रो रहे बापू जी, ननदो की आंखें लाल भाई हैं, कब से एक टक देख रही अम्मा जी, बैठी अकेली दुख के नीर सहेज रही हैं। हे  कोयल तुम कहां छुपी हो, सुबह हो गई दिन चढ़ गए हैं, शायद तुम्हारी आवाज के खातिर, अभी तलक ये सोए हुए हैं। हे  कागा अब तुम ही जगा दो, छत पर जाकर आवाज लगा दो, उन्हें पता चले कि सुबह हुई है, इसीलिए यह बांग हुई है। शायद तुम नाराज हो मुझसे, कल की सारी बातों से, जिद करके मैं रोक रही थी, तुम को बाहर जाने से। सफेद रंग पसंद नहीं था तुमको, फिर क्यों इसमें लपिटाए हुए हो, इतनी लकड़ियां क्यों आ रही घर पर, क्यों मुझको भरमाए हुए हो। क्या तुम्हें बिल्कुल फिक्र नहीं है मेरी, जो गहरी नींद में सो गए हो, देखो बाबूजी क्या कह रहे मुझसे, तुम मुझे छोड़ कर चले गए हो। Sad poem in Hindi चर्चा:- उपरोक्त पंक्तियों में बहुत ही गहरा दुख व्यक्त किया गया है। एक नवविवाहित स्त्री के वियोग का वर्णन किया गया है। इन पंक्तियों में उसके अंदर का दुख शब्दों के माध्यम से देखा जा सकता है । उपरोक्त पंक्तियों में स्त्री अपने पति की मृ

History of love in future|भविष्य में प्रेम का इतिहास

22 वी सदी:- आज 22 वी सदी में यूं ही लोग प्रेम को स्वीकार नहीं कर रहे हैं इसके पीछे एक कठिन परिश्रम और त्याग छिपा हुआ है। हमारे पूर्वजों ने प्रेम को प्राप्त करने के लिए बहुत कठिन लड़ाइयां लड़ी। यह लड़ाइयां शारीरिक कम मानसिकता से ज्यादा थी। बीते कई दशकों पूर्व प्रेम करना समाज में एक अपराध माना जाता था। परंतु उस परिस्थिति में भी लोग प्रेम करना नहीं छोड़े। प्रेम पर किसी का प्रभाव नहीं होता यह बात 21वी सदी में ही कुछ लोगों ने सिद्ध कर दिया। प्रेम करने के बाद उन्होंने अपनी प्रेमिका को भी हासिल किया तथा अपने परिवार एवं समाज के सोच को भी प्रभावित किया। हमारे पूर्वज एवं हमारे आदर्श लैला मजनू जिन्होंने समाज में पत्थरों के मार भी खाए तथा समाज से बेदखल भी कर दिए गए परंतु प्रेम की राह को नहीं छोड़ा। दुनिया को प्रेम का प्रसंग बताते बताते खुद मिट्टी में लीन हो गए। आज उन्हें दुनिया याद करती है जब भी प्रेम की बात का जिक्र होता है तो उसमें लैला मजनू का जिक्र जरूर होगा। सिर्फ प्रेम से संबंधित एक ही कहानी नहीं है ऐसे बहुत सारे हमारे पूर्वज हैं जिन्होंने समाज की रूढ़ीवादी सोच को बदल कर प्रेम का पाठ पढ़ाया