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History of love in future|भविष्य में प्रेम का इतिहास

22 वी सदी:-

आज 22 वी सदी में यूं ही लोग प्रेम को स्वीकार नहीं कर रहे हैं इसके पीछे एक कठिन परिश्रम और त्याग छिपा हुआ है। हमारे पूर्वजों ने प्रेम को प्राप्त करने के लिए बहुत कठिन लड़ाइयां लड़ी। यह लड़ाइयां शारीरिक कम मानसिकता से ज्यादा थी। बीते कई दशकों पूर्व प्रेम करना समाज में एक अपराध माना जाता था। परंतु उस परिस्थिति में भी लोग प्रेम करना नहीं छोड़े।

प्रेम पर किसी का प्रभाव नहीं होता यह बात 21वी सदी में ही कुछ लोगों ने सिद्ध कर दिया। प्रेम करने के बाद उन्होंने अपनी प्रेमिका को भी हासिल किया तथा अपने परिवार एवं समाज के सोच को भी प्रभावित किया।


हमारे पूर्वज एवं हमारे आदर्श लैला मजनू जिन्होंने समाज में पत्थरों के मार भी खाए तथा समाज से बेदखल भी कर दिए गए परंतु प्रेम की राह को नहीं छोड़ा। दुनिया को प्रेम का प्रसंग बताते बताते खुद मिट्टी में लीन हो गए। आज उन्हें दुनिया याद करती है जब भी प्रेम की बात का जिक्र होता है तो उसमें लैला मजनू का जिक्र जरूर होगा। सिर्फ प्रेम से संबंधित एक ही कहानी नहीं है ऐसे बहुत सारे हमारे पूर्वज हैं जिन्होंने समाज की रूढ़ीवादी सोच को बदल कर प्रेम का पाठ पढ़ाया है।


हीर रांझा तथा सोनी महिवाल ऐसे ही कुछ उदाहरण है जिन्होंने प्रेम की परिभाषा प्रस्तुत की और आज हम लोग उन्हीं के नक्शे कदम पर चलते हैं। प्रेम करना कोई गुनाह नहीं है इसकी पुष्टि इन पूर्वजों ने कर दी। दुनिया को प्रेम की परिभाषा बताते बताते इन्होंने अपने प्राणों का त्याग कर दिया परंतु अंतिम सांस तक भी अपने साथी का साथ नहीं छोड़ा। प्रेम का अर्थ ही यही है की परिस्थिति किसी भी प्रकार का क्यों ना हो अपने हमसफर क साथ मंजिल तक नहीं छोड़ना है।


आज के युवा बेखौफ मोहब्बत का इजहार करते हैं अपने परिवार तथा सगे संबंधियों से इसकी चर्चा करने में कोई झिझक महसूस नहीं करते। यह सब संभव हो पाया है हमारे पूर्वजों की वजह से। हम उन्हें शत शत नमन करते हैं।

 मेरे इन कविताओं को भी जरूर पढ़ें।

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