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जनवरी, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

महिला सशक्तिकरण|women empowerment| महिला सशक्तिकरण पर निबंध

महिला सशक्तिकरण का विकास:- वर्तमान समय में समाज की जो भी विशेषताएं है इसका रूप गढ़ने में बहुत वक्त लगा। प्राचीन काल से ही भारतीय समाज में बहुत सारी परंपराएं एवं कुरीतियां व्याप्त थी परंतु समाज के अनुकूलन विशेषता के कारण परंपराओं में बदलाव आता गया। महिला सशक्तिकरण ऋग्वेदिक काल में जिस तरह से महिलाओं तथा निम्न जातियों की स्थिति सुधरी हुई अवस्था में थी वही उत्तर वैदिक काल में महिलाओं से वेद पढ़ने ,सभा करने तथा शूद्रों से भी जनेऊ धारण करने तथा वेदों के अध्ययन पर रोक लगा दी गई। जिसके फलस्वरूप समाज में एक विशेष तबके का प्रभुत्व स्थापित हो गया। महिलाओं के शोषण को रोकने तथा महिला सशक्तिकरण में अलग-अलग समाज सुधारको ने अपना योगदान दिया है प्राचीन काल से ही कुछ कुरीतियों का जन्म हुआ जो निम्न प्रकार है:- 1. सती प्रथा:-                  सती प्रथा भारतीय समाज में व्याप्त बहुत ही अमानवीय प्रथा थी। इसके अंतर्गत किसी भी महिला के पति की मृत्यु हो जाने पर उस महिला को भी उसके पति के साथ जला दिया जाता था। यदि महिला इसका विरोध करती तथा सती होने से इंकार करती तो उसे जबरन चिता पर बिठा दिया जाता था। राजा रा

आज का मौसम।ठंड का मौसम और चाय।aaj ka maosam

ठंड का मौसम और चाय:- आज का मौसम  जैसे तैसे दिसंबर का महीना खत्म हो चुका है अब जनवरी चल रहा है। मुझे लगा शायद कैलेंडर बदलने के साथ साथ मेरे जीवन में भी कुछ बदलाव आएगा परंतु ऐसा कुछ विशेष बदलाव देखने को मिल नहीं रहा। नया वर्ष प्रारंभ होने के बावजूद भी कुछ अलग सा नहीं लग रहा। ऐसा लग रहा है जैसे एक दिन पहले सोया था और एक दिन बाद सो कर उठा हूं। हां यदि मौसम में कुछ परिवर्तन दिसंबर और जनवरी के मध्य देखने को मिलता तो शायद नया वर्ष आने पर कुछ बदलाव दिखने की संभावना हो सकती थी किंतु ऐसा कुछ ना हुआ और ना ही भविष्य में होने की कोई संभावना दिख रही है। जैसी ठंडक और ठिठुरन दिसंबर के आखिरी दिनों में था वैसे ही ठंडक और ठिठुरन जनवरी के शुरुआती दिनों में भी है। जनवरी का महीना ठंडक का सावन होता है जिस प्रकार हम सावन महीने में झूलों के साथ दिनचर्या गुजारते हैं उसी प्रकार जनवरी के महीने में चाय और पकौड़े के साथ दिनचर्या गुजारते हैं।  चाय को हमारे यहां 'कलयुग का अमृत' कहा जाता है। चाय दिन की शुरुआत का सबसे बेहतरीन माध्यम है खासकर सर्दियों में। विदेशी संस्कृतियों में देखा गया है कि चाय का सेवन सोकर उ