यह हवा का झोंका दरवाजे पर क्यों आता है,
मुझे आहट सी होती है उनके आने की,
जब से वे गए हैं दुश्मन बन गई येे तितलियां ,
इनके आने से ख्वाहिश होती है उड़ जाने की।
बंजर भूमि पर भी लहलहाता सरसों होता था,
सूखी नदियों में भी मछलियों का मंजर होता था,
कड़ी धूप में भी सुहावने मौसम का आभास होता था,
जब वे और उनका साथ मेरे साथ होता था।
लगता है सौतन में मन लगा लिए हो,
उसकी मोह में तपस्या भुला दिए हो,
क्या मुझसे भी प्यारी बातें हैं उसकी,
जो बातों में बातें दबा दिए हो।
जब से गए हो क्या याद मेरी ना आई,
उसकी आंचल में क्या तुमने करवट लगाई,
मैं बिलखती सुलगती विरह अग्नि में,
तेरी यादों में बैठी हूं पलके बिछाई।
Sad love poetry in Hindi
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Sad love poem in Hindi |
चर्चा: -
उपरोक्त पंक्तियों में एक स्त्री के विरह का वर्णन किया गया है। अक्सर यह देखा गया है कि जन्म जन्म का साथ निभाने वाला व्यक्ति अपनी पत्नी का साथ छोड़कर बाहर कमाने के लिए चला जाता है। ऐसी परिस्थिति में पत्नी बिल्कुल अकेले पड़ जाती है। क्योंकि ससुराल में पति ही उसका एकमात्र सहारा होता है जो उसकी भावनाओं को समझ सके।
Sad love poem in Hindi में वह स्त्री कहती है कि अब मुझे सब कुछ बहुत अधूरा सा लग रहा है ,जब से तुम गए हो मुझे हर एक चीजों से नफरत सी हो गई है। जब हम साथ थे तो हर प्रतिकूल परिस्थिति अनुकूल लगते थे परंतु तुम्हारे जाने के बाद सब कुछ सुना सा लगता है।
जब से गए हो तुम्हें मेरी याद नहीं आई शायद परदेस में तुम्हें कोई और मिल गया है जिससे तुम्हें प्रेम है। इसी वजह से तुम मुझे भूल गए और मेरी सुध नहीं ले रहे हो।
मैं तुम्हारी याद में हर पल सुलगती और बिलखती रहती हूं। हर पल तुम्हारे इंतजार में सोलह सिंगार करके बैठी रहती हूं। मुझे ऐसा लगता है जैसे तुम अचानक अभी मेरे सामने प्रकट हो जाओगे।
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