गदा, त्रिशूल या चक्र चलाओ,
धरा पाप से मुक्त कराओ,
हे गोविंद तुम बनो सहायक,
कलयुग में भी लौटकर आओ।
नहीं सुरक्षित घर की नर-नारी,
सता रहे हर क्षण व्यभिचारी,
मदन मोहन कृपा दिखलाओ,
कलयुग में भी लौटकर आओ।
अब रहा फर्क ना पाप-पुण्य में,
पनप रहे व्यापारी धर्म में,
श्री कृष्ण तुम बनो सहायक,
इनको धर्म का पाठ पढ़ाओ,
कलयुग में भी लौटकर आओ,
छल,कपट, चोरी, बेईमानी,
मानव स्वभाव की बनी निशानी,
प्रेम, सज्जनता रख ताख पर,
खाता बासी भात पुरानी,
सद्बुद्धि दो इनको आकर,
मानवता की ज्योति जलाओ,
कलयुग में भी लौट कर आओ।
Kavita in hindi |
चर्चा:-
इस कलयुग में पाप बढ़ता ही जा रहा है। धर्म तो मानो एक व्यापार की तरह हो गया है। धर्म का प्रयोग राजनीतिक तथा आर्थिक लाभ के लिए किया जा रहा है। वह युग अब खत्म हो चुका है जब धर्म को पूज्य एवं सर्वश्रेष्ठ माना जाता था। धर्म से लोगों को मानवता तथा सज्जनता की शिक्षा प्राप्त होती थी। परंतु वर्तमान काल में धर्म के लिए लोग मारकाट करते जा रहे हैं।
कलयुग की इस विषम परिस्थिति में भगवान श्री कृष्ण आप की बहुत ही आवश्यकता है। जिस प्रकार आप हर युग में पाप का नाश करने के लिए अलग-अलग अवतार धारण किए थे उसी प्रकार कलयुग में भी एक अवतार धारण करके प्रकट हो जाइए। और इस धरती पर उपस्थित सभी पापियों का नाश कर दीजिए जिससे इस धरती पर शांति स्थापित हो सके और धर्म का एक उचित परिभाषा प्रस्तुत हो सके।
कलयुग में रहने वाले व्यक्ति छल कपट और चोरी से अपनी मानवता तथा सज्जनता को खोते जा रहे हैं। ऐसे में धर्म का प्रचार कौन करेगा और धीरे-धीरे धर्म का अंत हो जाएगा जिससे समाज में अराजकता और अशांति फैल जाएगी।
हे कृष्ण एक बार फिर से इस धरती को सुंदर और सजग बना दो चारों तरफ शांति और प्रेम का वातावरण स्थापित कर दो।
इस कलयुग में लौट कर आ जाओ।
बहुत अच्छा फौजी लगे रहो।
जवाब देंहटाएंBahut bahut dhanyabad
हटाएंVery good।।।veeru।।
जवाब देंहटाएंThanks sir ji
हटाएंYour post was very good, and it is very important to publish such post, it will help a lot for people. Many thanks to the author How many people do you need to start religion
जवाब देंहटाएंThanks a lot for your love
हटाएंSuper
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