उन्होंने मुझसे पूछा प्यार क्या होता है,
मन में तरंगों का हिलोर सा उठा,
जवाब था प्यार एक एहसास है,
प्यार को मैं शब्दों में ना बांध सका,
पर भाव बहुत गहरा था।
प्रेम स्नेह से खुशी की तरफ
अग्रसर करता है,
प्रेम लोभी नहीं, स्वच्छ और निस्वार्थ होता है,
हर पीड़ा पर जो शब्दों का मरहम लगा दे,
प्यार ऐसा आशीर्वाद होता है।
प्रेम हर क्षण का साथ नहीं मांगता,
प्रेम तो अदृश्य है भावना के साथ,
प्रेम की समय सीमा भी निर्धारित नहीं,
यह तो विस्तृत है क्षितिज के साथ-साथ।
प्रेम को रिश्तो में नहीं बांध सकते,
यह तो दो आत्माओं का मेल है,
जब धड़कन बेकाबू हो जाएं उसे देख कर,
तो उस छड़ यह समझना यही प्रेम है।
प्यार क्या होता है |
चर्चा:-
हम प्रेम को शब्दों में नहीं बांध सकते यह तो एक एहसास है जो अलग-अलग लोगों के साथ अलग-अलग तरीकों से होता है। प्रेम की गहराई को वही समझ सकता है जो सच्चा प्रेम करता होगा।
प्रेम किसी के साथ भी हो सकता है । प्रेम रंग, रूप, जात- पात, धर्म कुछ नहीं देखता। प्रेम तो निराकार है निस्वार्थ है इस पर किसी का जोर नहीं। जिसके साथ प्रेम होता है सारा जीवन उसी के साथ बिताना चाहता है।
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जवाब देंहटाएंThank for suggestions
हटाएंYe mera poem h isko aor long karne ki kosis karunga
Thank u very much
जवाब देंहटाएंAmazing post. Keep writing
जवाब देंहटाएंSuch a lovely post, thanks for sharing.
जवाब देंहटाएंThank
हटाएंThanks
हटाएंNice content
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंNice poem
जवाब देंहटाएंthanks
हटाएंReally impressive
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