महिला सशक्तिकरण का विकास:- वर्तमान समय में समाज की जो भी विशेषताएं है इसका रूप गढ़ने में बहुत वक्त लगा। प्राचीन काल से ही भारतीय समाज में बहुत सारी परंपराएं एवं कुरीतियां व्याप्त थी परंतु समाज के अनुकूलन विशेषता के कारण परंपराओं में बदलाव आता गया। महिला सशक्तिकरण ऋग्वेदिक काल में जिस तरह से महिलाओं तथा निम्न जातियों की स्थिति सुधरी हुई अवस्था में थी वही उत्तर वैदिक काल में महिलाओं से वेद पढ़ने ,सभा करने तथा शूद्रों से भी जनेऊ धारण करने तथा वेदों के अध्ययन पर रोक लगा दी गई। जिसके फलस्वरूप समाज में एक विशेष तबके का प्रभुत्व स्थापित हो गया। महिलाओं के शोषण को रोकने तथा महिला सशक्तिकरण में अलग-अलग समाज सुधारको ने अपना योगदान दिया है प्राचीन काल से ही कुछ कुरीतियों का जन्म हुआ जो निम्न प्रकार है:- 1. सती प्रथा:- सती प्रथा भारतीय समाज में व्याप्त बहुत ही अमानवीय प्रथा थी। इसके अंतर्गत किसी भी महिला के पति की मृत्यु हो जाने पर उस महिला को भी उसके पति के साथ जला दिया जाता था। यदि महिला इसका विरोध...
कुछ कर गुजरने की जिद है, लोग औकात नापते हैं, गर्दन काट सकती है जंग खाई तलवार भी, पर लोग उसकी धार नापते हैं। रचनात्मकता के तत्व,हिंदी कविता संग्रह, हिंदी कहानी,हिन्दी कविता , हिंदी कविता माँ पर,कविता लेखक, हिंदी कविताएं,