ठोकर जितनी लगेगी , हौसले उतने ही मजबूत होंगे, आज समय विपरीत है तो क्या, एक दिन यह कायनात भी मेरे होंगे। बंद है मेरी किस्मत, परिस्थिति के तहखाने में, कभी तो मिल ही जाएगी इसकी चाभी, अभी चालाकी इतनी भी नहीं जमाने में। डुबोना तुम चाहते थे पतवार मेरी, डूब तुम्हारा ईमान गया, मैं तो तिनके से भी तैर सकता था, मुझे डुबोते वक्त शायद यह भूल गया। मैं तो पथिक हूं ना रुकना जानता हूं, राहों में पड़े कांटो से लड़ना जानता हूं, यह हुनर मेरी कोई पैदाइशी नहीं, तुमने ही सिखाया है जो मैं चलना जानता हूं। जो ठान कर आए हो यहां, उसे पूरा करके ही सोना है, गर थक कर बैठ गए आज पथ पर, तो अपनी ना कामयाबी पर हर पल रोना है। Hindi poem|संकल्प हमारा है Hindi poem चर्चा:- उपरोक्त पंक्तियां दृढ़ निश्चय और संकल्प की तरफ इशारा करते हैं। व्यक्ति जब अपने मन में कुछ ठान लेता है और वह अपने कार्य के प्रति ईमानदार हो जाता है तो उसे कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता है।। इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में रुकावटें और कठिनाइयां सभी के समक्ष आती हैं परंतु इन कठिनाइयों से डरना नहीं चाहिए बल्कि इनसे मुकाबला करना चाहिए जिससे तुम्हारे सफलता ...
कुछ कर गुजरने की जिद है, लोग औकात नापते हैं, गर्दन काट सकती है जंग खाई तलवार भी, पर लोग उसकी धार नापते हैं। रचनात्मकता के तत्व,हिंदी कविता संग्रह, हिंदी कहानी,हिन्दी कविता , हिंदी कविता माँ पर,कविता लेखक, हिंदी कविताएं,